कुछ नहीं माँगें साईं कुछ नहीं चाहें .
श्री चरणों में नमन लीजिए..
भटक चुके हम
बहुत बेसहारे....
दया करके अपने शरण लीजिए..!
दुखिया जनों का
बनें हम सहारा
दया धर्म की मन में
सरिता बहे........,
सत्य जुबां पर हो
करुणा हृदय में
धन वैभव चाहे
रहे ना रहे......,
सब कुछ तेरा प्रभु क्या अर्पण करें..
श्रद्धा के कुछ सुमन लीजिए....!
सुख दुख दोनों
छलते आए..
पल पल परीक्षा
लेती दुनिया....,
कभी मन हँसता
कभी झरते आँसू
फूल और काँटों भरी
जीवन की बगिया....,
धूप छाँव दोनों हँसकर गुजारें..
कृपा करके ऐसा जतन कीजिए...!
भवसागर है गहरा भगवन
नाव हमारी छोटी है
एक आपका नाम है सच्चा
एक आपका नाम है सच्चा
सारी दुनिया झूठी है
हाथ थामकर पार करेंगे
शरणागत को वचन दीजिए....!!!
कुछ नहीं माँगें साईं
कुछ नहीं चाहें.......
Sundar.
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