अँधेरी रात में
कोई सितारा
यदि राह न दिखाए...
तो आदमी क्या करे..
किधर जाए......!
कोई सुन्दर चित्र आँखों में
न बसे .
तो चित्रकार.
अपने चित्रों में रंग
कहाँ से भरे....!!
कोई सुखद स्मृति ,
खूबसूरत खयाल ,
हृदय में न रहे
तो आदमी कैसे जिए..
कोई मधुर धुन
जब तक जेहन में
हलचल न मचाए
कोई क्या गाए...
क्या गुनगुनाए...
कोई हमसफर ऐसा
जो सुख में सुख
मिला कर
उसे सौ गुणा कर दे...
और दुख में,
दुख बाँट कर
कुछ व्यथा कम कर दे...
जब तक न मिले
जीवन पथ का
कठिन सफर
कोई कैसे तय करे..
रहबर कोई नक्षत्र होसाथी कोई मन का
कट जाए हँसते हँसते
रस्ता जीवन का.....!!!
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