Wednesday, 24 August 2011

चाह


नहीं चाहते
साथ रहे तू
लिए हाथ में हाथ………
नहीं चाहते
बारह महीने
आठ पहर का साथ
अवसाद कभी
खुशियों पर
भारी पड जाए
हर बात पे
आंखों में
आंसू भर आए
सूनापन घिर आए
और दिल हताश हो
तू आस पास हो
जब मन उदास हो…………

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