कडी धूप में
छाया जैसी...
हर पल शीतल..
हर पल कोमल...!!
आँगन के तुलसी
चौरे पर...
जले हुए दीपक
सी उज्ज्वल.....!!
मेरा यह तन
मेरा जीवन..
तेरी करुणा
का ही स्पन्दन....
अविरल ममता
की निर्झरनी.
तेरा दिल माँ !!
तेरा आँचल.....!!!
मुझे सदा अभिमान
है इस पर..
तू जननी मैं
तेरी जाया.....;
दाता से इतना ही माँगूँ
कभी न बिछ्डे तेरा साया.....!!!!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteMa ki mamta ka ehsaas yaad dilata hai.............
ReplyDeletemaa ..miss you
ReplyDelete