मैंने तो नहीं कहा
तुमने किसी से कहा क्या…?
उनींदी आंखों ने
कहा होगा…
या फिर पलकों पर
लरजती खुमारी ने बताया होगा
होठों पर खेलती
मुस्कुराहट ने कहा होगा
या रगों में दौडती
अकुलाहट ने बताया होगा
चंचल चितवन ने
कहा होगा
या फिर शरारती चेहरे ने
बताया होगा……
किसी ने छुपकर
देखा तो नहीं !
कोई हमारे साथ-साथ
चला तो नहीं !!
अजीब बात है
न मैंने किसी से कुछ कहा
न तुम्हीं ने बताया ,
फिर बात सारी फ़िज़ां में कैसे बिखरी
कि रात हमारी फूलों की घाटी में गुजरी…!!!
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