बूंद बूंद कर
सागर भर जाता होगा
हर बूंद यहां एक घूंट
प्यास की बन जाती है…
जितना तुमको देखूं
और आंखों में भर लूं
उतनी ही आंखों की चाह
बढी जाती है…॥
जितना तुमसे मिलूं
और बातें मैं कर लूं
उतनी ही फ़िर मिलने की
इच्छा जगती है…
प्यार भरी बातों से तेरे
मन भरता है
लेकिन फ़िर भी प्यास
अधूरी ही रहती है……
बूंद बूंद कर
सागर भर जाता होगा
हर बूंद यहां एक घूंट
प्यास की बन जाती है……।!
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