Monday 20 February 2012

प्रश्न लौटा लो


किसी मोड पर
कभी अगर
दाता यह सवाल कर दे
कि बोल क्या चाहिए तुम्हे
मांग ले
अपने बीते हुए पलों में से
कोई एक ऐसा पल
कि जिसके मिल जाने से
संवर जाए तेरा आज
तेरा आने वाला कल
   
तो कैसी उलझन होगी
सोचती हूं
क्या मांगेगे हम…?
कौन सा पल…?
वह
जब हमने कुछ खो दिया
अनचाहे……
कि जिसके मिल जाने से
मिल जाए खोई हुई खुशियां
या वह---
जब हमने कुछ पाया
चलते चलते अनायास ही
और जीना चाहते हों
बार-बार उन पलों को
जब तक जी भरे

ऐसे तो कितने ही पल हैं
जिनसे रू--रू होते आए हम
सरे राह
कितना कुछ तो खोया हमने
कितना कुछ पाया भी

बडी उलझन भरा
सवाल है यह……
हम अटक कर रह जाएंगे
इस सवाल के जंजाल में
निकल नहीं पाएंगे कभी
और जब अंतर की छटपटाहट
झेल नहीं पाएंगे
हारकर यही कहेंगे
हे ईश्वर !
इस असार संसार के पालनहार
तुम्हारी मर्जी सर आंखों पर
जब जब जो दिया
अच्छा किया
जो ले लिया वह भी
अच्छा किया

इतनी विनती है
इस निरीह को
भटकन में डालो
अब अपना यह प्रश्न लौटा लो…!!

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