Sunday 12 February 2012

डाकिया


अरसा बीत गया
डाकिए की आवाज सुने
‘चिट्ठी’……
और भागते दौडते
हम लपक लेते थे अपनी अपनी चिट्ठियाँ
चरम उत्सुकता से
खोलना ,पढना ,
पढकर सुनाना घर भर को…

वो चंद पंक्तियां बांध लेती थीं
सबकी निगाहें ,
सबका ध्यान
सबका चेतन –अवचेतन सब…
जुड जाता था घर का हर सदस्य
एक ही लय में....

जैसी होती थी खबर
माहौल वैसा ही बन जाता था
नानी मां का खत आता
और मां सुबकने लगती
बुआ जी का खत होता ,
तो ,
पिताजी भावुक हो उठते

जब दीदी का ब्याह हुआ
और जब उनके खत आने लगे
तब हमने इनका मर्म समझा
उनकी बातें जैसे ह्रदय को छू देती
हर किसी को संबोधित होती
उनकी बातें……
महसूस होता किसी के गाल थपक रहीं
किसी को पुचकार रहीं
किसी के गले लग रहीं
तो ,
किसी को गले लगा रहीं…
हमें इन्तजार होता उनके खतों का
अनवरत…
तुरंत जबाब लिखे जाते
डाक में डाले जाते
और नसीहतों भरा
प्यार-दुलार भरा
खत फिर से दे जाता एक इन्तजार
इन्तजार डाकिए का…
डाकिए की आवाज का
उनकी साईकिल में बंधी
घंटी की टुन्न –टुन्न का…

खत तो अब भी आते हैं
ई-मेल की शक्ल में ,
मोबाइल संदेश की शक्ल में
अब तो वेब कैम के जरिए तस्वीर भी
दिख जाती है…
मानों आमने-सामने ही हों
पर हम भूल नहीं सकते चिट्ठियों में भरी
संवेदनाओं को
आत्मा के स्पंदन को…

कई बार अशुभ संदेश होते
तब तार के मार्फत आते
तार का आना मतलब
कोहराम का मचना……

डाकिया लिफाफा देखकर जान जाता
क्या होगा इसमें
कोई नियुक्ति पत्र या
कोई निमंत्रण…
राखियां तो अब भी डाक से ही
आती जाती हैं

वो दादाजी की पेंशन
रुपए गिन कर दे जाते डाकिया चाचा
अब इन सभी का रूप बदल गया
समय की गति तेज हो गई
हम विकास की कितनी ही सीढियां
चढ चुके
चढते ही जा रहे…

आने वाली पीढियां 
डाकिए को
उसकी पोशाक से शायद
नहीं पहचान पाएगी...
   
कितनी ही बातें आ-जा रही जेहन में
तभी कानों में आवाज आई
चिट्ठी……
मैं चौंक कर बालकनी से नीचे देखने लगी
डाकिए को देखकर प्रश्न भरा संकेत किया
मेरा…?
उसने हां में सिर हिलाया और
मैं कूदती फांदती नीचे भागी
पता भी मेरा
नाम भी मेरा ही
अभी उसी दिन तो पैन कार्ड आया
ए टी एम भी आ गया
अब क्या हो सकता है ?

सैकडों सवाल निगाहों में लिए
डाकिए के समक्ष हाजिर हुई
और जब मेरे हाथ में रंगीन लिफाफा आया
तो मुस्कुराए बिना न रह सकी
झटपट खोल कर देखा
तो यह तुम हो…!!
ठीक जन्म दिन के दिन…!!

रात बारह बजे से ही बधाईयां आ रहीं
मोबाइल पर संदेश आ रहे
और अब यह तुम्हारा कार्ड…
थैंक यू सो मच…!!
भगवान करे तुम्हारा हर दिन
शुभ दिन हो……
हर खुशी मिले तुम्हें…
हमेशा हमेशा……………॥
  





1 comment:

  1. Gungunane kii ichcha ho rahi hai-Dakiya dak laya,dakiya daak laya.....,Rating-Excellent.

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