Sunday 12 February 2012

आहट


ये चिडियों की आहट
कि भोर हो गई
ये किरणों की आहट
कि पट खोल दो…
     नजरों की चिलमन
     सरकने की आहट
     पलकों के गिरने औ
     उठने की आहट……
ये पत्तों की आहट
कि पूर्वा चली
कलियों की आहट
सुगंध घोल दो…।

       चंचल ह्रदय शोखियों
       की ये आहट
       फिजां में घुली मौसमों
       की ये आहट

ये कदमों की आहट
कि कौन आ गया
ये धडकन की आहट
कि कुछ बोल दो…।
 
      ये आहट हैं जब तक
      है जीवन तभी तक
      चिर सलामत रहे  
      जिन्दगी की ये आहट…!!


1 comment:

  1. Bahut sundar,ek anjaan se topic par itni sundar kavitaa!

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