Monday 23 January 2012

ये मेरी दुआ है


   
वक्त की शाख से
टूटते हैं लम्हे
टूटकर गिरते और
अंकित हो जाते हैं
इतिहास के पन्नों में
हर नन्हा लम्हा इतिहास रचता है…

सितारों भरे आसमान से
टूटकर गिरता है सितारा
गिरकर विलीन हो जाता है शून्य में
कहते हैं – जाते जाते भी
मन्नतें पूरी करता है…

आज मेरा भी मन हुआ
कुछ मन्नतें मांगूं
कुछ दुआयें भी
चली आई आंगन में,
देखूं कोई ऐसा सितारा
अनंत यात्रा पर जाता हुआ
और जाते जाते सौगातें बांटता हुआ

और विश्वास करो---
कई टूटते सितारे देखे मैंने
गिरकर विलीन होते अथाह में…
आंखें स्वत: मुंद गईं ,
मैने मांगा----

कि तुम्हारी राहें रौशनी से भरी हो
जिस दिशा जिस डगर में भी
रख दो कदम अपने…
कि तुम्हारी तमन्नाएं सदा
फूलें फलें ,निखरें
बिखरे तुम्हारा यश चहुं ओर
और पूरे हों सब सपने…

कभी जिन्दगी से कोई
शिकवा नहीं रहे
सब कुछ मिले तुम्हें कोई कमी न हो
खेले मुस्कुराहट
होठों पे अहर्निश
आंखों में पल भर भी कभी नमी न हो…

कि तुम्हारी चाहना जो मन में जनम ले
बिना शर्त बिना अवरोध के
उसे पूर्णता मिले…
मैं रहूं न रहूं, मेरी दुआएं
हरदम तुम्हारे साथ साथ चलें…

कि दिन तुम्हारे रौशन हों
खुशियों से, हंसी से
रातें सदा जीवन के जाम से भरी हो
मैं कहूं न कहूं दोस्त !
तुम्हारी हर यात्रा
शुभ ,सुखद और
सुकून के एहसास से भरी हो…।



3 comments:

  1. Fantastic,thanks for this beautiful creation of yours and for your good wishes,seen and unseen both

    ReplyDelete
  2. nice, got your creation after a long time.

    ReplyDelete
  3. thank you both jyoti jee and suman jee....

    ReplyDelete