तुम जब मिले तो जाना
कि गाती हैं किरणें
गुनगुनाती है धूप
और हवा तो आठों रागिनियां
संग लेकर ही
चलती है…
कि नृत्य करते हैं सितारे
खिलखिलाती है
चांदनी……
और निहारता रहता है चांद
अपना रूप ताल तलैयों में
हर रात……
कि अंधेरा छेडता है
लम्बी तान
लोरियों की तासीर भरी
कि सो जाए सारी दुनिया
मीठी नींद
देखे सुख भरे सपने भी
पलक खुलने तक…
कि हंसी झरती है झरनों से
कल-कल…
और मुस्कुराती है नदियां अपनी
अल्हड चाल में
चलती अनवरत…
कि उम्र एक सौगात है
खुशियों भरे जहान में,
जीवन से भरे
दिन-रात ये…
ये सुंदर सांझ-सबेरे
तुम मिले तो जाना
मैंने
मौसम के मायने
रुकते हैं पांव मेरे
दर्पण के सामने…॥
दर्पण के सामने…॥
Sundar,sundar.
ReplyDelete