Thursday, 19 January 2012

तुम मिले तो जाना


तुम जब मिले तो जाना
कि गाती हैं किरणें
गुनगुनाती है धूप
और हवा तो आठों रागिनियां
संग लेकर ही
चलती है

कि नृत्य करते हैं सितारे
खिलखिलाती है
चांदनी……
और निहारता रहता है चांद
अपना रूप ताल तलैयों में
हर रात……

कि अंधेरा छेडता है
लम्बी तान
लोरियों की तासीर भरी
कि सो जाए सारी दुनिया
मीठी नींद
देखे सुख भरे सपने भी
पलक खुलने तक

कि हंसी झरती है झरनों से
कल-कल
और मुस्कुराती है नदियां अपनी
अल्हड चाल में
चलती अनवरत

कि उम्र एक सौगात है
खुशियों भरे जहान में,
जीवन से भरे 
दिन-रात ये
ये सुंदर सांझ-सबेरे

तुम मिले तो जाना
मैंने
मौसम के मायने
रुकते हैं पांव मेरे
दर्पण के सामने…॥

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