Sunday 29 April 2012

कौन हैं ये


कौन हैं ये
मेरे साथ साथ रहते हैं
भीड में रहूं या अकेली
हाथ थामकर चलते हैं
कैसी भी हो डगर
कोई भी हो सफर
आओ इनसे मुलाकात करवाऊं
इनकी बाबत कुछ तुम्हें भी बताऊं
  
यह मेरे बचपन का साथी है
जब भी चाहता है मन
बच्चों जैसे फुदकना
किलकारियां भरना
मेरे साथ रहता है
खेतों में गलियों में
धूल भरी पगडंडियों पर
हाथ थामे चलता है

यह मेरे उमंगों का साथी है
जब भी चाहता है मन
उडानें भरना
ऊंचे और ऊंचे ,
छू लेना आसमान
जाना क्षितिज के पार
करना चांद सितारों से बातें
यह हौसला बढाता है
मेरे साथ साथ रहता है

यह मेरे अरमानों का
चुलबुल मनचला साथी है
लेता रहता है वादे मुझसे
हर दिन ,हर पल
नया कोई…
कभी अहले सुबह जगाने का
कभी रात लोरियां गाने का

बारिश की बूंदें हों
या इन्द्रधनुष का रंगीन नजारा
साथ साथ रहता है
यह जो मेरे अंतर्मन में उठते
हिलोरों को पढता है

किसी ने सिखाया मुझको
प्रभाती के मधुर बोल
किसी ने संझा गाकर सुनाया है
कोई भाता है मन को मेरे
किसी ने सही राह दिखलाया है
किसी से सीखा मैंने
स्नेह प्रेम की भाषा
और किसी ने दिया मुझे
हर पल जीने की अभिलाषा
 
ये तन्हाईयों के साथी हैं
कभी मायूस नहीं होने देते
कभी थपक देते हैं गालों को
कभी बालों में उंगलियां फिरा देते हैं…
इतनी बडी दुनिया में
मैं कभी अकेली नहीं होती
ये सारे के सारे मेरे बेहद अपने हैं
कह दूं कि कौन हैं –
ये--मेरे सात रंग के सपने हैं॥



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