Monday 30 April 2012

प्यार के रंग


प्यार के रंग हैं
धरा पर बिखरे बिखरे
हरेक रंग के मिजाज भी जुदा-से हैं
कोई हल्का कोई गहरा है
चलो नजदीक से इन्हें हम देख आएँ
ये जो रंग है सुरमई
सदाबहार का
यही करता इशारे प्यार के इजहार का
ये शोख है और है नजाकत वाला
चलो शिद्दत से इसे आज हम
महसूस आएँ....

ये जो रंग है खुशरंग
यूँ महका महका
इसी से रहता है मन अपना भी
बहका बहका
ये मदमस्त है अद्भुत अदाएं हैं इसकी
चलो कि पास से इसको आज छू आएँ...

ये रंग सभी
उगते हैं क्षितिज पर से ही
छा जाते हैं फिर दिग दिगंतों में आके...
है अपना भी सब कुछ
इसी जहान का
तो असर इनका रहेगा होकरके ही
चाहे कत्थई हो चाहे कि हो सिन्दूरी
तासीर है हर रंग की जीवन से भरी
हर रंग सिखाता है हमको
बस खुश रहना
जी भर के जीना और सबको जीने देना........

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