Sunday 1 February 2015

आने से



आने से मना किया था
फिर क्यों हुए उदास
आऊं कि न आऊं मैं
रहती हूं तेरे पास………

अब मूंद के पलकों को जरा
रक्खो तो दिल पे हाथ
देखो तो घुल रही है तेरी
सांसों में किसकी सांस…

खुद ही मना किया था
खुद ही हुए उदास……

आऊं कि न आऊं मैं
रहती हूं आस पास
खुश रहा करो हमेशा
मत हुआ करो उदास………।


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