आज की ये भोर
और आज की किरण
आज का समय यह
आज का ये दिन…
आओ मिलकर इनको
हम खास बना लें
कि याद करें इनको
फिर सारी उम्र हम…
कुछ इस तरह से खोलें
पलकों को आज अपनी
पाया हो हमने जैसे
अभी अभी जनम…
ऐसे भरें उसांसें कि
भीनी भीनी खुशबू
लेके ही उड रही हो
आज मनचली पवन……
ऐसे चलें मचल कर
हाथों में हाथ लेकर
जैसे कि साज कोई
बजता हो छन छनन…
बांहों में आज ले लें
तारों भरा गगन
सपनों की रौशनी से
जगमग करे नयन…।
Abhi padhe theek se,but no..................
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteचैत्र नवरात्र की शुभकामनाएँ.
आज का दिन – 20/04/2012
ReplyDeleteशादी की पचीसवीं सालगिरह आपको मुबारक हो ! ईश्वर से कामना है कि आपका जीवन हमेशा आनंद, उमंग, और खुशियों से भरा रहे |
-सुरेश कुमार ,राँची
बहुत बहुत धन्यवाद सर...
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