Saturday 3 March 2012

कौन आता है


कौन आता है तुम्हारे
पीछे पीछे
मुड के एक बार जरा
देख तो लो

कौन देता है आवाज
तुम्हें शामो सहर
रुक के एक बार जरा
सुन तो लो

क्या काम है यह भी पूछो
क्या नाम है यह भी पूछो
क्या वजह है
इस तरह चलने का
कैसा रिश्ता है जो
समझ नहीं आता
घडी भर कहीं ठहर के
जरा पूछ तो लो……

कोई नाता ही रहा होगा
किसी जमाने का
कोई कारण जरूर होगा साथ आने का

कोई बिछडा हुआ साथी होगा
स्नेही कोई या संगी होगा

तनिक ठहर के तुम्हीं
सोच तो लो…

कहीं तुमने ही आवाज देकर
बुलाया तो नहीं,
याद करो
साथ चलने का वादा करके
भुलाया तो नहीं,
याद करो

ऐसे मुख मोड के जाना
अच्छा नहीं
अनसुनी करके गुजर जाना
अच्छा नहीं

कट जाएगा सफर आसानी से
साथ आने दो
जन्मों के फासले हों तो
अभी मिट जाने दो
यूं ही कोई साथ भला आए क्यों
बेवजह नाम लेके बुलाए क्यों

पीछे पीछे जो चला आता है
दो घडी रुकके
साथ ले तो लो…।

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