छोटी मुनिया बड़ी सयानी
बातें करती है अनमोल,
जब भी बोले मीठा बोले
वाणी में मिसरी-सा घोल …
अच्छे काम बड़ो की सेवा
और हमारे मीठे बोल,
बोलो दादी क्या होता है
इन सारी बातों का मोल …
मत कर मुनिया ऐसी बातें
ना कर ऐसे आँखें गोल,
भले काम का भला नतीजा
ये सारी बातें अनमोल …
अच्छे काम फूल बन जाते
पँछी बन उपवन में गाते,
और बड़ों की सेवा का फल
कभी सका ना कोई तोल …
गाल थपक कर बोली दादी
चल मुनिया अब आँखें खोल,
देख गगन में चकमक करते
तारे बन गये मीठे बोल … ॥
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