वह
आज मिला
लंबे अरसे के बाद मिला
याद आया
पहली बार का मिलना
दिल का हरसिंगार सा खिलना ...
फिर
साथ साथ चलते चलना
बात बात पर हँसते रहना
घण्टों धूप में बैठे रहना
एक दूजे में खोये रहना...
दिन लगते थे हल्के फुलके
जैसे हों
रिश्ते जन्मों के...
हरी घास पर औंधे लेटे
या छत की मुंडेर पे बैठे
जाने किस आपाधापी में
राह जुदा हो गए हमारे
मन की बातें रह गईं मन में
और बिछड़ गए सपने सारे
आज अचानक मिला
तो खुशबू
भर गई मन की कलियों में
वह घूम रहा था तन्हा तन्हा
फुलपरास की गलियों में.....
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