दूर तक हरियाये खेत हैं
जैसे कोई हरियाली नदी
लहराकर बह रही हो
पीले पीले फूलों से लदे पेड
इस तरह खडे हैं
मानों फूल के पहाड हों
अन्न की नदी और फूल के पहाड
ऐसा जान पडता है
मानों सुख सम्रृद्धि
खुले गगन तले बैठी सिंगार कर रही हो
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