चांद आसमान में
रहेगा रात भर...
सितारों संग खेलता
रहेगा रात भर....
घटाएं भी मचल रहीं
उसी को देखकर
उन्हीं के रूप पर फिदा
रहेगा रात भर.....
धरा को देगा चांदनी
गगन को रौशनी
कली कली को चूमता
रहेगा रात भर...
झील में जो बिम्ब है
वह उसी का है
मगर उसे निहारता
रहेगा रात भर...
वो रूप का ,वो नूर का
बहुत अमीर है
गली गली बिखेरता
रहेगा रात भर ॥
चांद आसमान में
रहेगा रात भर....
सितारों संग खेलता
रहेगा रात भर..........
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