आज की ये भोर
और आज की किरण
आज का समय यह
आज का ये दिन…
आओ मिलकर इनको
हम खास बना लें
कि याद करें इनको
फिर सारी उम्र हम…
कुछ इस तरह से खोलें
पलकों को आज अपनी
पाया हो हमने जैसे
अभी अभी जनम…
ऐसे भरें उसांसें कि
भीनी भीनी खुशबू
लेके ही उड रही हो
आज मनचली पवन……
ऐसे चलें मचल कर
हाथों में हाथ लेकर
जैसे कि साज कोई
बजता हो छन छनन…
बांहों में आज ले लें
तारों भरा गगन
सपनों की रौशनी से
जगमग करे नयन…।